अकेला
अकेला
मोहब्बत मिली तो थी,
पर ना जाने किस मोहब्बत की तलाश थी!
सवाल थे बहुत ,
हर कदम पे आस थी,
हर कदम लिख रहा था एक नया पन्ना,
पर उन पन्नो की कोई न किताब थी!
अकेला तो था ही,
पर अब, अकेला हो चुका हूँ,
ना जाने कब से मोहब्बत की तालश थी!!
मोहब्बत मिली तो थी,
पर ना जाने किस मोहब्बत की तलाश थी!
सवाल थे बहुत ,
हर कदम पे आस थी,
हर कदम लिख रहा था एक नया पन्ना,
पर उन पन्नो की कोई न किताब थी!
अकेला तो था ही,
पर अब, अकेला हो चुका हूँ,
ना जाने कब से मोहब्बत की तालश थी!!