STORYMIRROR

Mahesh Kumar

Drama Tragedy Thriller

4.5  

Mahesh Kumar

Drama Tragedy Thriller

मजबूर किसान हँसता जहान

मजबूर किसान हँसता जहान

1 min
44


पेट पालकर पूजक बनते

दुनिया की कभी ना परवाह करते


भूल गए वो बम्ब आँसू के चलाने वाले...

की गर्मी से कभी किसान नहीं डरते


नरमी नहीं वो गर्मी दिखता था, 

जब मजबूर किसान लगान चुकाता था


मिट गया उसका नामो-निशान, 

 क्या आज भी जिंदा है भगवान ?


शांति दूतों का करो सम्मान, 

 चाहे गीता पढ़ो या महा पुराण


 बुद्धिमानी देश का राजा, 

भुला किसलिए ताज विरजा


बस कागज में रहा सम्मान, 

पीटता देखा आज किसान।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama