STORYMIRROR

Mahesh Kumar

Abstract

4  

Mahesh Kumar

Abstract

पहल की भूल

पहल की भूल

1 min
211

बीमार हुआ तब ईश्वर जाना

स्वस्थ होकर जगत पहचाना।

भूलभुलैया नादान बेचारा

तूने स्वंम ना खाया खाना।


निःसन्देह दिल से रब को मान

मुश्किल है तेरा सम्मान।

बहता बादल बूँद बरसाये

गर्ज अहंकारी आह्वान।


पतझङ तो एकदिन जायेगी

बहार वही लौट आएगी।

गिरे थे सूखकर केवल पत्ते

वो फल से कर्ज चुकाएगी।


बीमार हुआ तब ईश्वर जाना

स्वस्थ होकर जगत पहचाना।

भूलभुलैया नादान बेचारा

तूने स्वंम ना खाया खाना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract