पहल की भूल
पहल की भूल
बीमार हुआ तब ईश्वर जाना
स्वस्थ होकर जगत पहचाना।
भूलभुलैया नादान बेचारा
तूने स्वंम ना खाया खाना।
निःसन्देह दिल से रब को मान
मुश्किल है तेरा सम्मान।
बहता बादल बूँद बरसाये
गर्ज अहंकारी आह्वान।
पतझङ तो एकदिन जायेगी
बहार वही लौट आएगी।
गिरे थे सूखकर केवल पत्ते
वो फल से कर्ज चुकाएगी।
बीमार हुआ तब ईश्वर जाना
स्वस्थ होकर जगत पहचाना।
भूलभुलैया नादान बेचारा
तूने स्वंम ना खाया खाना।