Mahesh Kumar
Action Crime
यहाँ चोर-चोरी समझता नहीं,
वह अक्सर समझाना पड़ता है।
कानून की किसको जरूरत है,
मगर समाज बचाना पड़ता है।
पहल की भूल
प्रार्थना
समाज
घर की रानी
जलन
गीत: दौर-ए-मु...
कैसा तलाक
नाप-तौल
(गीत: माँ हिं...
मजबूर किसान ह...
शुक्रिया मंच का जिसने हमें यह मौका दिया, हम अपनी पहचान भी बनाने लगे हैं। शुक्रिया मंच का जिसने हमें यह मौका दिया, हम अपनी पहचान भी बनाने लगे हैं।
उड़ान भरो तो उस बाज की तरह भरना जो एक शिकार के बिना कभी वापस न आए उड़ान भरो तो उस बाज की तरह भरना जो एक शिकार के बिना कभी वापस न आए
कुछ अपनों का एहसास किसी के पास होने की आहट। कुछ अपनों का एहसास किसी के पास होने की आहट।
पड़ते कदम का मंदिर में ठहरना याद आया ! पड़ते कदम का मंदिर में ठहरना याद आया !
लालसा को अपनी परे रखकर पर्यावरण को सुुरक्षा दो। लालसा को अपनी परे रखकर पर्यावरण को सुुरक्षा दो।
अगर अच्छे कर्म करके जाओगे, लोग अच्छा ही कहेंगे। अगर अच्छे कर्म करके जाओगे, लोग अच्छा ही कहेंगे।
आंखों की पट्टी खुली होती पहले, तो आज इतना नीचे गिरता नहीं। आंखों की पट्टी खुली होती पहले, तो आज इतना नीचे गिरता नहीं।
हंसते- हंसते जीवन की बलिवेदी पर चढ़कर जाते वो तो केवल अपने देश का श्रृंगार। हंसते- हंसते जीवन की बलिवेदी पर चढ़कर जाते वो तो केवल अपने देश का श्रृंगा...
मुश्किल में इस मदद कर उनकी हौसलों को उनके बरकरार रखें। मुश्किल में इस मदद कर उनकी हौसलों को उनके बरकरार रखें।
हमें भी लोग चाहते हैं यह सोचकर कुछ लोग जलते हैं ! हमें भी लोग चाहते हैं यह सोचकर कुछ लोग जलते हैं !
अब कुछ कहने का समय खत्म हुआ, इन्सान हर पल लड़ने को तैयार हुआ। अब कुछ कहने का समय खत्म हुआ, इन्सान हर पल लड़ने को तैयार हुआ।
चल पड़ते कदम का मंदिर में ठहरना याद आया ! चल पड़ते कदम का मंदिर में ठहरना याद आया !
तब प्रिय मित्र की मित्रता का लोहा मानोगे, जब तुम्हारे दुश्मनों को लोहे के चने चबवा दें तब प्रिय मित्र की मित्रता का लोहा मानोगे, जब तुम्हारे दुश्मनों को लोहे के चने...
आपने कभी जानने की कोशिश नहीं की हम ख़ुश हैं या फिर नाराज़ इसीलिए निकल गए।। आपने कभी जानने की कोशिश नहीं की हम ख़ुश हैं या फिर नाराज़ इसीलिए निकल गए।।
उनके इस फैसले को समाज ने सम्मान देना चाहिए। उनके इस फैसले को समाज ने सम्मान देना चाहिए।
मेरी पहचान ही अगर मिट गई है तो फिर मैं क्यों जिऊं। मेरी पहचान ही अगर मिट गई है तो फिर मैं क्यों जिऊं।
रूठना तेरा मेरी जान लिए जाता है ऐसे नाराज न हो हंस के दिखा दे मुझको। रूठना तेरा मेरी जान लिए जाता है ऐसे नाराज न हो हंस के दिखा दे मुझको।
सरहदों की तम्मनाओं में पगडंडियों पर बिखरे पड़े सरताज हैं। सरहदों की तम्मनाओं में पगडंडियों पर बिखरे पड़े सरताज हैं।
तुझसे दूर हो जायेंगे खुद-ब-खुद हम दुनिया से उठ जाये ऐसे हालात न बनाओ, तुझसे दूर हो जायेंगे खुद-ब-खुद हम दुनिया से उठ जाये ऐसे हालात न बनाओ,
हां मैं यहां मुझे मेरी मुश्किलों से है प्यार। हां मैं यहां मुझे मेरी मुश्किलों से है प्यार।