STORYMIRROR

Ritu asooja

Drama

3  

Ritu asooja

Drama

मीठा, सरल, सीधा, बचपन

मीठा, सरल, सीधा, बचपन

1 min
239

मीठा,सरल,सीधा बचपन

बच्चे थे तो अच्छे थे

आसमान से भी ऊंचे सपने थे

दादी,नानी से किस्से सुनते थे

वीरों के पराक्रम और


महापुरूषों प्रेरक प्रसंग

नैतिकता का देते परिचय

बन जीवन का प्रेरणास्रोत

उन जैसा बनने को करते प्रेरित


स्वर्ग से अप्सराएं आती थीं

परियां जादू की झडियों

से मन की मुरादी बातें पूरी करती थीं

चंदा को मामा कहते थे 


पक्षियों की तरह चहचहाते थे

ऊंची -ऊंची उड़ाने भरते थे

खेलकूद ही अपना जीवन था

भविष्य तो बड़ों का सपना था

दोस्ती भी खूब निभाते थे 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama