महंगाई राहत शिविर
महंगाई राहत शिविर
लगा हुआ है, आजकल महंगाई राहत शिविर
चाहत है, गहलोत साहब जी आ जाये, बस फिर
क्या धूप, क्या छांव कर्मचारी लगे हुए है, शिविर
कर्मचारियों का हर मौसम में बहे, समान रुधिर
चहुँओर प्रकाश बीच भी फैला हुआ है, तिमिर
सबकी चाहत है, बिना जले बन जाये, वे मिहिर
लगा हुआ है, आजकल महंगाई राहत शिविर
बिजली, चिरंजीवीं, पेंशन आदि हेतु है, शिविर
भीड़ ही भीड़, सबकी चाहत है, मिले, लाभ तीर
उम्मीद में, सबको लू भी लग रही, शीतल समीर
सब चाहते, बदल जाये, उनके हाथों की लकीर
योजनाओं के रजिस्ट्रेशन हेतु, खड़े हुए है, वीर
गर्मी, धूप सह, मजबूत हुए जिनके शरीर, फिर
वही बना सकता है, बिगड़ी हुई तकदीर, फिर
वाह रे वाह जादूगर, गर्मी भी बहाने लगी है, नीर
तेरे जादू ने निर्जीव राजनीति में प्राण फूंके, फिर
पर दुःखी है, बंद बिजली ने झटके दिये है, शिविर
दुःखी आमजन बिजली बंद जो है, सरकार, शिविर
सुनो सरकार, योजनाएं तब सफल होगी, शिविर
अगर तेज गर्मी में बिजली आये, लगातार फिर।।