महिला कामगार
महिला कामगार


स्त्री - पुरुष कामगार में, करे भेद सरकार।
महिलाओं को पुरुष से, मिलती न्यून पगार। १
श्रम - स्वेद की धार से, करती भू खुशहाल।
तन की सुध रहती नहीं, बिखरे होते बाल। २
फूले श्रम से दम नहीं, बहा स्वेद की धार।
सहकर मुश्किल ये सदा, पाले निज घरबार। ३
नहीं है सिर ढकने की, छत भी उनके पास।
बनाय ओरों के लिए, भवन, शहर, घर खास। ४
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अनपढ़ होने पर सभी, करे मेहनत खूब।
सर्दी, गर्मी झेलकर, काम में रहती डूब। ५
अगर किसी भी क्षेत्र में, हो न स्त्री कामगार।
हो सके नहीं फिर कभी, देश प्रगति साकार। ६
मिलता इनको मान ना, मिले ना पुरस्कार।
मिलती ना शिक्षा - दवा, होती वे लाचार। ७
रोजी-रोटी के लिए, छूट जाता है गाँव।
कड़ी धूप में काम कर, जग को देती छाँव। ८