महाराणी ताराबाई.
महाराणी ताराबाई.
छत्रपति संभाजी की अचानक हत्या के कारण,
मराठा साम्राज्य में रिक्त हुआ राजा का स्थान।
लेकिन सभांजी के पुत्र और पत्नी येसुराणी,
दोनों को किया गया था नजरबंद मुगल छावनी।
संभाजी के अनुज छत्रपति राजाराम राजन ,
अपने परिवार के साथ किया रायगढ से पलायन।
मराठों की औरंगजेब के साथ जारी रही नित्य जंग,
छत्रपति राजारामराजे का हुआ था असमय निधन।
महाराणी ताराबाई ने संभाली सत्ता की कमान,
मुगलों ने महाराणी के साथ जारी रखी जंग।
सेनापति हंबीरराव मोहिते की थी वह कन्या,
छत्रपति राजा रामराजे की थी ताराराणी पत्नी।
मराठा साम्राज्य की ताराराणी बनी संरक्षिका,
इतिहास में दर्ज हैं शुर महिला विरांगना के प्रमाण।
सात साल तक संभाली मराठा राज्य की उसने कमान,
कई मोर्चों पर वह लड़ी , शक्तिशाली मुगलों के संग।
भारत वर्ष में नहीं कोई दूजी महिला विरांगना,
मुगल नहीं लहरा पायें कभी मुगली परच दक्कन।
महाराणी ताराबाई व मुगलों में युद्ध के दौरान ,
औरंगजेब बादशाहा का हुआ महाराष्ट्र में निधन।
सम्राट आजम ने संभाली मुगल सत्ता की कमान,
येसूराणी व संभाजी शाहू के मुक्ति आया था क्षण।
मुगलों ने रचा था मराठा साम्राज्य वारसा षड्यंत्र,
सातारा गद्दी के लिए हो आपस में मराठों में खिंचतान।
मराठा सरदारों में, संभाजी शाहू रिहाई के कारण,
सत्ता का असली वारिस कौन की छिड गई जंग ?।
मराठा सरदरों में हुये मतभेद, मनभेद और विभाजन,
संभाजी शाहू और महाराणी ताराबाई के बिच हुई जंग।
संभाजी शाहू थे छत्रापति संभाजी की पराक्रमी संतान,
संभाजी शाहू महाराज ने जीती थी सातारा गद्दी की जंग।
महाराणी ताराबाई ने कोल्हापुर में की नई गद्दी स्थापन,
पुत्र शिवाजी व्दितीय हुयें थे कोल्हापुर में सिंहासनासीन।
संभाजी शाहू ने संभाली सातारा गाद्दी की कमान,
संभाजी शाहू महाराज को नहीं थी कोई संतान।
महाराणी ताराबाई ने संभाजी शाहू से किया निवेदन,
पोता, राजारामा द्वितीय को स्वीकार करे संतान।