कि मेरी आत्मा अनंत काल तक!
कि मेरी आत्मा अनंत काल तक!
आ के कुछ इस तरह मुझसे मिल जा गले,
कि मुझ में तू मिल सके, तुझमें घुल जाऊँ मैं;
तेरे प्यार की थाह नापते-नापते,ख़ुद आप डूब जाऊँ मैं,
कि मेरी आत्मा अनंत काल तक, तेरी आराधना कर सके;
कल,आज और हमेशा सिर्फ तुझी को चाहूँ मैं,
तेरे प्यार के समन्दर में, डुबकी बार-बार लगाऊँ मैं;
बन के गोताखोर प्यार का मोती ढूँढ़ लाऊँ मैं,
कि मेरी आत्मा अनंत काल तक, तेरी आराधना कर सके;
शरीर,प्राण,आत्मा से ऊँचा तुझे उठाऊँ मैं,
संसार से नाता छुड़ा के, आकाश में उड़े जाऊँ मैं;
साँसों की गर्मी में, बस तेरा नाम गिने जाऊँ मैं,
कि मेरी आत्मा अनंत काल तक, तेरी आराधना कर सके;
तेरे प्रेम से भर के छलक जाऊँ मैं!
कुछ ऐसी आशीष दे मुझे!
कुछ ऐसी आशीष दे मुझे!