हे पुलवामा के शांति दूत
हे पुलवामा के शांति दूत
हे पुलवामा के शांति दूत,
हे भारत मां के सच्चे सपूत।
हे जननी के तिलक भाल,
हे जन्मभूमि के गौरव लाल।
तुम्हे समर्पित नमन हमारा,
श्रद्धा अवनत है भारत सारा।
अर्पित करता हूं दो फूल तुम्हें,
न पायेगा भारत भूल तुम्हें ।
धरती अपनी अम्बर अपना,
पूरा करेंगें मिल सारा सपना।
जीवन में जब यह तिथि आयेगी,
देश की पीढ़ी गीत तुम्हारा गायेगी।।
रखा तिरंगे का तुमने मान,
अर्पित कर दी अपनी जान।
तुम बने गगन के ध्रुवतारा,
चिर ऋणी रहेगा देश सारा।
तुम वर्तमान थे इस देश के,
भविष्य भी अब तुम्हारा है।
बलिदान तुम्हारा सूरज बन,
घने कुहासे को दुत्कारा है ।
आने वाली संतति तुमसे,
पल पल प्रेरणा पायेगी ।
अपनी माटी का मूल्य चुकाने,
सौ बार तुम्हें शीश झुकायेगी ।