STORYMIRROR

Hari Ram Yadav

Others

4  

Hari Ram Yadav

Others

परहित को यारों ने दिया बिसार

परहित को यारों ने दिया बिसार

1 min
355


अपनों ने अपनों को धोखा दिया,

  अपनों ने रखा अपना ही ध्यान ।

अपनों के अपने चक्कर में ही,

  अपनों का हो गया काम तमाम।

अपनों का हो गया काम तमाम,

  नाम पर लग गया बड़ा बट्टा ।

अपनों की करनी से अपनों का,

  मन हो गया है एकदम खट्टा।

खट्टा मन तो अब इतना हुआ,

  छंट गयी सदियों की मिठास।

निकल गया दिल दिमाग से,

  जो रहता था मन में विश्वास।।


अपने ही हित के वशीभूत हो,

  परहित को यारों ने दिया बिसार।

परहित का रखा होता ध्यान,

  तो कभी न होती यारों तकरार।

तो कभी न होती यारों तकरार,

  रार ऐसी न जमकर ठनती ।

अलग रास्ते अपने अपने न होते,

  न नयी डगर कभी भी बनती।

नयी डगर पर नये जोश से,

  लेकर चलिए अपनों को साथ।

हरी खड़ा हर्षित होकर संग,

  सफलता चूमेंगी आपका माथ।। 


     


Rate this content
Log in