मुझे बता दो मेरी सरकार
मुझे बता दो मेरी सरकार
कब तक केसर की क्यारी में बारुद घुलेगी,
कब तक घाटी में घायल होंगे पेड़ चिनार ?
कब तक धुलते रहेंगे सिंदूर महावर,
कब तक छिनेंगे परिवारों के आधार ?
मुझे बता दो दिल्ली वाली मेरी सरकार।
कब तक मांऐं रोयेंगी छाती पीट पीट,
कब तक दुधमुंहे बच्चे करेंगे चीत्कार ?
कब तक सिसक कर रोयेंगे बूढ़े बप्पा ,
कब तक बहिना खोयेंगी भाई का प्यार ?
मुझे बता दो दिल्ली वाली मेरी सरकार।
खोटी नीयत वाला नीच पड़ोसी,
रोज कर रहा सैनिकों पर प्रहार ?
इंदिरा गांधी सा रणचंडी बनकर,
कब कर रहे हो दुष्ट के टुकड़े चार ?
मुझे बता दो दिल्ली वाली मेरी सरकार।
केवल बातें करने से बड़ी बड़ी,
क्या ठीक होगी सुरक्षा की दीवार ?
वह हमारे घर में घुसकर मार रहे,
हम उनको क्यों खोज रहे हाथ पसार ?
मुझे बता दो दिल्ली वाली मेरी सरकार।