बेटियाँ हैं हम बोझ नहीं
बेटियाँ हैं हम बोझ नहीं
हम बेटियाँ परिवार की शान हैं ,
इस देश का गौरव इस देश का अभिमान हैं ,
अपने शौर्य , अपनी प्रतिभा से नापा जिन्होनें ये पूरा जहान है ,
बेटियाँ हैं तो जिंदगी के गमों में वीराम है ,
होने से बेटियों के दी है दस्तक, खुशियों ने भी खिड़कियों से अन्दर झाँका है।
बड़े अभागे हैं वो लोग जिन्होनें बेटियों को बेटों से कम आँका है।।
अनदेखा कर काबिलियत को, उनके लड़की होने के कारण ने उन्हें नकारा है ,
बाद्दुआएँ दे बेटियों को , बेटों के लिए मानी मन्नतों को तारा है ,
अरे मूर्खों बेटियाँ तो आँखों का वो सितारा हैं
जिन्होने ना सिर्फ हमे बल्कि सकल ब्रह्माण्ड को संवारा है,
धिक्कारा है बेटियों को बोझ मानकर इसलिए दुआओं में बेटों को माँगा है ।
बड़े अभागे हैं वो लोग जिन्होनें बेटियों को बेटों से कम आँका है।।
बेटे कारणवश छोड़ जाते हैं, पर बेटियों की गैर हाज़री में भी परिवार के संग रहता उनका साया है ,
दौलत ना सही मगर बेटियों ने नाम बहुत कमाया है ,
बेटियाँ लड़ी हैं, यूँ लक्ष्मीबाई बनकर और दुश्मनों को अपने घुटनों तक झुकाया है ,
देख शौर्य और निडरता इनकी एक पल को तो यमराज भी घबराया है ,
बेटियाँ तो गुणों की खान का अनमोल साँचा हैं ।
बड़े अभागे हैं वो लोग जिन्होनें बेटियों को बेटों से कम आँका है।।