महाफेकु
महाफेकु
महाफेकु
जनता कसम अगर हम महाफेकु न होते,
आज हम इतने बडे नेता नहीं होते.
देशमें विकास के महानायक ना बनते,
अगर हम महाफेकु न होते.
हमे से कोई सीके कैसे नारों से सरकार चलाते,
जब भी देश में कोई समस्या आन पडे.
पुरानी समस्या का नई समस्या से ध्यान भटकाते,
समस्या का समाधान पैकेज के ऐलान से करते.
दिखावटी आर्थीक पैकेज में सबको लपेटते,
लेकिन फायदा चंद कॉरपोरेट को ही देते.
पीडित लाभार्थी रस्ते पे आने के पहिले,
नया नारा और नया पैकेज का ऐलान करते.
देखो हमरा कमाल-धमाल मेरे देशवासीयों,
देशभक्ति, देशद्रोही, आत्मनिर्भारता के बलबूते.
खयाली लुभावने नारे जनता में मजेसे फेकते,
बिना कुछ दिये मजे से कैसे सरकार चलाते.
जनता को बांटने-कांटने में कभी संकोच नहीं करते,
इस मामले में हम अंग्रेजो के बाप लगते.
विकराल समस्या का जनता सरकार का विरोध करती,
उसके पहिले ही नई समस्या का आगाज करते.
लोक लुभावन नारों को जनता में एसे फेकते,
जैसे कोई मसिहा जनता में खैरात बांटते.
विपक्ष जब नारों को जनता में उछालते,
उसे सीयासी जुमला कहके जनता को शांत करवाते.
विरोधी कहते हमारे मस्त- मस्त नारे,
जनता को अभी लगने लगे भ्रष्ट्र-भ्रष्ट्र नारे,
अगर हम करिशमाई सफल महाफेकु न होते,
आम जनता के कैसे होते इतने नेता प्यारे ?.
विरोधी महाफेकु कह के हमे पुकारते,
ऑल्मपिक में गोल्ड कैसे हम पाते.
अगर हम दुनिय भर में नहीं फेकते,
बिना कुछ किये कैसे गोल्ड दिलाते ?.
जनता की भी सीमित होती है सहनशीलता,
उसका भी संज्ञान ले आज का महाफेकु नेता,
अमेरिकन एपिसोड से कुछ सीख ले नेता,
वर्णा ,तेरा भी भविष्य कुछ ऐसा ही दिखता.