विरोधी महाफेकु कह के हमे पुकारते, ऑल्मपिक में गोल्ड कैसे हम पाते. विरोधी महाफेकु कह के हमे पुकारते, ऑल्मपिक में गोल्ड कैसे हम पाते.
ऐ चाँद रुक कहाँ छिपने जा रहा है लगता है,मुझे मेरा प्यार नजर आ रहा है। ऐ चाँद रुक कहाँ छिपने जा रहा है लगता है,मुझे मेरा प्यार नजर आ रहा है।
रोटी ,कपड़ा और मकाँ से ,अब भी थोड़ी दूरी है । ऐसा लगता है मित्रों, आज़ादी अभी अधूरी है रोटी ,कपड़ा और मकाँ से ,अब भी थोड़ी दूरी है । ऐसा लगता है मित्रों, आज़ादी अभी...
मैं हूँ इस भारत की स्वतन्त्र नागरिक, आओ कुछ बातें दिखलाऊँ। मैं हूँ इस भारत की स्वतन्त्र नागरिक, आओ कुछ बातें दिखलाऊँ।