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Divyanshu Mishra

Drama Classics

4  

Divyanshu Mishra

Drama Classics

महागठबंधन

महागठबंधन

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तुम बुआ मेरे उस बबुआ की,

जिसको न सका मैं झेल प्रिये,

मैं गली क्रिकेट का बॉलर हूँ,

तुम विस्फोटक क्रिस गेल प्रिये,

हो न सकेगा हमारा मेल प्रिये।


तुम ईमानदारी की नकली मूरत हो,

बेटा हमारा 'टोटी चोर' प्रिये,

हम यूपी के हैं नेता जी,

पार्टी में सब रिश्वतखोर प्रिये,

हो न सकेगा हमारा मेल प्रिये।


मुँह बोले तुम्हारे हम दुश्मन थे,

खेला 'गेस्ट हाउस' में खेल प्रिये,

तुम अकेले निकली हाथी पर

हम सायकिल को बनाये रेल प्रिये,

हो न सकेगा हमारा मेल प्रिये।


हम हारे 'चौकीदार' की 'लहरों' में,

तुम भी हुई उसमें फेल प्रिये,

उस अकेले शेर से लड़ने को

हम सबका हुआ अब मेल प्रिये।


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