महागठबंधन
महागठबंधन
तुम बुआ मेरे उस बबुआ की,
जिसको न सका मैं झेल प्रिये,
मैं गली क्रिकेट का बॉलर हूँ,
तुम विस्फोटक क्रिस गेल प्रिये,
हो न सकेगा हमारा मेल प्रिये।
तुम ईमानदारी की नकली मूरत हो,
बेटा हमारा 'टोटी चोर' प्रिये,
हम यूपी के हैं नेता जी,
पार्टी में सब रिश्वतखोर प्रिये,
हो न सकेगा हमारा मेल प्रिये।
मुँह बोले तुम्हारे हम दुश्मन थे,
खेला 'गेस्ट हाउस' में खेल प्रिये,
तुम अकेले निकली हाथी पर
हम सायकिल को बनाये रेल प्रिये,
हो न सकेगा हमारा मेल प्रिये।
हम हारे 'चौकीदार' की 'लहरों' में,
तुम भी हुई उसमें फेल प्रिये,
उस अकेले शेर से लड़ने को
हम सबका हुआ अब मेल प्रिये।