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Divyanshu Mishra

Classics

4.9  

Divyanshu Mishra

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अपने कर्म

अपने कर्म

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अपने कर्मो का फल तू पायेगा

इनसे बच कर तू कितनी दूर जायेगा

कर्म कर ले तू जीवन में जितने बुरे

उनका हिसाब देने तू यहीं वापस आएगा।


अपने बुरे बर्ताव को

क्रोध का चेहरा ना दे

अपने दुर्व्यवहार को

अपनी हैसियत का पहरा ना दे

कमा ले कितना भी धन तू यहाँ पर

मन में इज़्ज़त कभी खरीद ना पायेगा।


खुद को बड़ा बना

दूसरों को छोटा नहीं

सबको बनाया है उसने

उसका सिक्का खोटा नहीं

दूसरों को गिरा कर उठने की चाहत में

एक दिन अपनी ही नजरों में तू गिर जायेगा।


अपने आलस्य को 

कहीं छुपा के तू रख

कुछ मेहनत तो कर

ऊर्जा बचा के ना रख

सिर्फ हौसले ही नहीं इरादे भी रख

तभी जीवन में कुछ बड़ा कर पायेगा।


अपने पैसों का तू 

कभी गुमान ना कर

तू इनके बिना

जायेगा उसके घर

जिनके पीछे तू भागा ज़िन्दगी भर

अकेला तू उनको छोड़ जायेगा

कुछ भलाई के काम करके तो देख

वरना अंतिम समय बहुत पछतायेगा।


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