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Brijlala Rohan

Abstract Romance

4  

Brijlala Rohan

Abstract Romance

मेरी फरियाद

मेरी फरियाद

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मेरी फ़रियाद भी तुमसे,

मेरी फरिश्ता भी तुम।

मेरा फिलहाल भी तुमसे,

मेरी फ़ितरत भी तुम।

मेरी फासला भी तुमसे,

मेरी फिजा भी तुम।

मेरे फैसला भी तुमसे,

मेरा फल भी तुम। 

मेरी फ़रियाद भी तुमसे,

मेरी फरिश्ता भी तुम।

मेरा फिलहाल भी तुमसे,

मेरी फ़ितरत भी तुम।

मेरा मुस्कुराना भी तुमसे, 

मेरी मुस्कान भी तुम।

मेरा जीना भी तुमसे,

मेरी जान भी तुम।

मेरी दुनिया भी तुमसे,

मेरी जहान भी तुम।

मेरा खिलना भी तुमसे,

मेरी खिलखिलाहट भी तुम।

मेरा शरारत भी तुमसे,

मेरी शरारती भी तुम।

मेरा आशियाना भी तुमसे,

मेरी आशियाँ भी तुम 

मेरा नटखटपन भी तुमसे,

मेरी नटखट भी तुम।

मेरी कविता भी तुमसे,

मेरी कविता भी तुम।

मेरा अल्फ़ाज भी तुमसे,

मेरी आवाज़ भी तुम।

मेरी फरियाद भी तुमसे,

मेरी फरिश्ता भी तुम।



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