गोरी नहीं हूँ माँ जो लग जाये मुझे नजर अर्धचंद्र और अँखियों में क्यों लगाती है तू इस कदर। गोरी नहीं हूँ माँ जो लग जाये मुझे नजर अर्धचंद्र और अँखियों में क्यों लग...
आज न जाने क्यों आँखों से नींद भी रुसवा कर गयी, उनके मंज़िल के आने की खबर धड़कनों हवा दे गयी आज न जाने क्यों आँखों से नींद भी रुसवा कर गयी, उनके मंज़िल के आने की खबर धड़कनों ...
क्योंकि मैं हूं नादान इस रिश्ते का, तू है मैदान है फरिश्ते का । क्योंकि मैं हूं नादान इस रिश्ते का, तू है मैदान है फरिश्ते का ।
यूँ तो इस दुनिया मे दोस्त तो बनते रहते है कई पर उसकी हर वो याद आज भी महक देती है नई यूँ तो इस दुनिया मे दोस्त तो बनते रहते है कई पर उसकी हर वो याद आज भी महक देती ह...
तुम्हें रिश्ता लिखूँ या फ़रिश्ता लिखूँ तुम्हें रिश्ता लिखूँ या फ़रिश्ता लिखूँ
होने वाली हर आहट तुम जिंदगी की हर अहसास तुम होने वाली हर आहट तुम जिंदगी की हर अहसास तुम