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Saroj Garg

Tragedy

4  

Saroj Garg

Tragedy

* मेरी माँ *

* मेरी माँ *

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हे माँ तू थी तो जीवन था 

तू थी जीवन में प्यार दुलार था

तूने माँ नौ महीने पेट में रखा 

जो सबसे ज्यादा प्यार था माँ। 

मेरे सर तू हाथ जो रखती 

भगवान से ज्यादा आशीर्वाद था 

तुझे बनाकर ईश्वर भी 

तुझसे हारा माँ। 

तेरे प्यार के आगे सब बेकार है माँ। 

जब दुखो से मै भर जाती 

तब तेरी बहुत याद आती है माँ। 

जब बहुत अकेली होती हूँ मै

तब बहुत याद आती है माँ। 

मेरे दुख मेरी तकलीफें 

कौन समझ सकता है माँ। 

तू बहुत याद आती है माँ 

तू बहुत याद आती है माँ। 

मेरे दर्द को कोई न समझे 

एक तू ही थी सबसे समझदार माँ 

मेरे दुख को पढ़ लेती थी 

आखों से ओझल हो गई है 

किसको दर्द सुनाऊ मै माँ। 

बस आखों में आंसू छलके हैं 

तेरी याद में माँ। 



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