मेरी कहानी मेरी जुबानी
मेरी कहानी मेरी जुबानी
एक ऐसी लड़की की कहानी जब किसी का दिल प्यार में होता हैं.. मन की उमंग में तरंगें खाता हैं. तब उसके दिल से कविता बनती हैं! वो कविता उसकी जिंदगानी बन जाती हैं! एक प्रेमल कहानी बन जाती हैं, दो प्यार करने वाले जब आपस में मिल जाते है तो जरूरी नहीं की उनका मिलन हो.. ये सब किस्मत की बाते होती हैं!
पर उनका प्यार सच्चा होता है! उनका दीदार सच्चा होता है! हाँ अफसोस वो कभी मिल नहीं पाते.. और अपना जीवन साथ नहीं बिता पाते..पर उनके दिलों में एक सच्चा प्यार होता हैं... जो कविता में बयाँ होता हैं! एक कविता उन प्रेमी के लिए...
मेरी क़लम से
हर सुबह हर शाम हो तुम।
बिन कहे मेरी ही ख़ामोशी का
तन्हाई का सुखद आलम हो तुम।
कहती नहीं जताती नहीं.
पर जबसे नैना मिले अपने
तबसे तुम ही मेरा पहला प्यार हो।
यूं तो हमारी एक अपनी अलग जिंदगानी हैं;
पर तेरे मेरे नैना की एक अलग कहानी हैं।
ना तुम मिलते हों ना हम मिलते है;
पर मेरी अनकही बीती कहानी हो तुम।
बाते अब हमारी कुछ ख़ास होती नहीं,
खामोशी अब हमारी कभी सोती नहीं.
यूं तो दिल हर बार कहता हैं तुमसे.
मिलने का रहता हैं इंतजार हमें
हमारी अनकही सुलझी कहानी हो तुम!
जी लेते है अब बिन तेरे हम
वहीं दीदारे मजबूर कहानी हो तुम।
समझ लेना हमें हमेशा तुम
जैसे हम हमेशा समझते है... तुम्हें!
वचनबद्ध है, आज से हम और तुम!
दिल का हमारा प्यार सच्चा हैं.. ये
प्यारा दिलदार ही समझ सकता हैं!
अब कहे क्या हम तुमसे मेरे दिलबर
कभी कुछ कहने को रहता नहीं!
जो मिला जितना मिला उसमें
हम–तुम में हमेशा खुश रहेंगे;
एक नई जिंदगानी बन जाएंगे!
मोहब्बत में हीर और रांझा की
एक नई कहानी बन जायेंगे!

