मेरी भाषा मेरा अभिमान
मेरी भाषा मेरा अभिमान


बड़ी खुशी के साथ एक साधारण मां, बेटे की शाला गयी,
पर एक अलग सा माहौल देख थोड़ा डर गयी,
हर छात्र व शिक्षक मातृभाषा छोड़ अलग भाषा बोल रहा था,
अपने बोलने के हुनर को वो किसी और भाषा से तोल रहा था,
विश्वास के साथ उसने कहा कि हर प्रश्न का सामना करूंगी
पर हर एक सवाल का जवाब सिर्फ हिंदी में दूंगी,
उस मां के आत्मविश्वास की हर व्यक्ति ने सराहना की,
और मातृभाषा हेतु गर्व महसूस करने की बात कही,
मेरा हिंदी भाषी होना एक उच्च सम्मान है,
और मेरी भाषा मेरा अभिमान है।