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Dhara Viral

Others

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मैं प्रकृति हूं

मैं प्रकृति हूं

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सूर्य की तेज किरणों को धरा तक लाने की गति हूं,

और पर्वत को चीर कर नया मार्ग प्रशस्त करती नदी हूं,

हां, मैं प्रकृति हूं।


सावन का संदेश देने को आतुर नृत्य करता मोर हूं,

मन को प्रफुल्लित करते पवन का अद्भुत शोर हूं

हर पल आनंद का भाव जगाती प्रभु की सुंदर कलाकृति हूं

हां, मैं प्रकृति हूं।


मातृत्व का सुखद अहसास हूं

हर दुविधा को सुलझाने का प्रयास हूं,

हर बदलती स्थिती को सकारात्मक भाव से सहती हूं

हां, मैं प्रकृति हूं।


इस बदलते वक्त में मैं भी आशा एक खास रखती हूं

जन जन के प्रयास से सदा जीवंत रहने की आस रखती हूं

सदा प्रेम व सम्मान मिले तो वरदान अन्यथा भारी क्षति हूं

 हां, मैं प्रकृति हूं। हां, मैं प्रकृति हूं।।


            



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