मेरे लिए
मेरे लिए
है नहीं पता क्या है इस जहां में मेरे लिए,
जो भी होगा अच्छा होगा मेरे लिए,
होती होंगी मुकम्मल मुलाकातें उस जहां में,
इस जहां में बस इकतरफा इश्क है मेरे लिए।
जनाब कौन सी दुनिया में जी रहे हो,
इकतरफा इश्क को क्यों गलत कह रहे हो,
उनकी मासूमियत को चंद लफ्जों में बयां करना,
इतना आसान भी नहीं रहा अब मेरे लिए।
बादलों के उस पार मैं रोज चांद को देखता हूं,
उनकी अजीबोगरीब आदतों के बारे में सोचता हुं,
इस बेरंग दुनिया में उनकी मुस्कुराहट का राज,
जीने की वजह बन गया अब मेरे लिए।
उनके यूं चले जाने की वजह ना जान पाया,
मुझसे अलग होकर उन्होंने किसी को ना अपनाया,
उनकी आदतों ने मुझे बिगड़ा दिया इस कदर कि,
उनकी आदतों को अब छुड़ाना आसान नहीं अब मेरे लिए।
है नहीं पता क्या है इस जहां में मेरे लिए,
जो भी होगा अच्छा होगा मेरे लिए।।