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Abhay kashyap

Romance

5.0  

Abhay kashyap

Romance

एक तरफ़ा इश्क़

एक तरफ़ा इश्क़

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इश्क की कशमकश को यूं जान लीजिए

प्यार करने से पहले अपनी हार मान लीजिए

जरूरी नहीं प्यार करो और प्यार मिले

बस एक तरफ़ा इश्क़ की जायज़ निशानियों

को जान लीजिए


नाफरमानियाँ करता तेरा इश्क बहुत पसंद

आता है

दूर रहकर भी करीब होने का एहसास कराता है  

तेरे इश्क के तजुर्बे से हर चेहरे पर तेरा ही

दीदार होता है

क्या करूँ ए ख़ुदा हर दुआ में बस उसका ही

नाम आता है


डूबती हुईं कश्तियों को किनारों का इंतज़ार

रहता है

सावन को आलिंगन करने को जैसे घटाओं का

इंतज़ार रहता है

उसकी आँखो का मेरी आँखो से बस नज़

रों

का इज़हार रहता है

कैसा है ये मेरा एक तरफ़ा इश्क़ जो मेरे

लिए त्योहार जैसा रहता है


हर सवेरे पर उसकी यादों का पहरा होता है

ढलते हुए शाम पर उसकी बालों का रंग

सुनहरा होता है

जब भी कोइ उसके दीदार के इंतज़ार में रहता है

मेरा उसके प्रति एक तरफ़ा प्यार और भी

गहरा होता है!


गुस्से से उसका रूठना मेरे लिए उसका इंतज़ार

बताती है सहेलियों से अक्सर पहेलियों में वो

मेरा नाम बताती है

बातें वो जब भी मेरी करती है बहुत शर्माती है,

हाय ये मेरा एक तरफ़ा इश्क़ जो मुझे

मुक्कमल इश्क़ का एहसास कराती है..!



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