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Abhay kashyap

Romance

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Abhay kashyap

Romance

तुझमें मुझमें

तुझमें मुझमें

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है नहीं रहा कुछ बाकी तुझमें,

कुछ तो बाकी रह गया मुझमें !!

जिंदगी की इस कशमकश में,

बीते रंग जिंदगी के इस जग में।


हैं वही ख़्वाब पुराने जिंदा जो तुझमें,

नहीं रहे ख़्वाब मेरे अब वश में,

कुछ तो नाम कमाएं होंगे तुमने,

जो मैंने ना सुने होंगे इस जग में।


है वही बेबसी आज भी, जो वर्षों से थी मुझमें,

न कुछ कह पाया आज भी मै आपनेपन में,

कुछ तो पुण्य कमाएं होंगे मैंने,

जो तुम सा मिला मुझे इस जीवन में।


है वही मर्यादा जो बाकी तुझमें,

बाकियों से अलग करता है जो औरों में,

है मेरी एक अभिलाषा इस जीवन में,

नहीं हो जुदा कभी हम इस जग में।


है नहीं रहा कुछ बाकी तुझमें,

कुछ तो बाकी रह गया मुझमें !!



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