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Shruti Bawankar

Abstract Romance

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Shruti Bawankar

Abstract Romance

मेरे हमसफ़र

मेरे हमसफ़र

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हमसफर मेरे हमराही

मुझमें तुम तुझमें मैं

तू काया मैं परछाई

ये जनम जनम का बंधन

जैसे हो महकता चंदन

सौंदर्य मैं तू साज बन

मैं गीत और तू राग बन

मैं सूर और तू ताल बन

मेरी चाहत का पैगाम बन

मेरे मन के चैन

दिल के सुकून

मैं हूँ आत्मा

तू शरीर बन

मेरी राहत का सामान बन

मेरे सपनों का आगाज़ बन

मेरी उड़ान का धागा बन

मेरे मन का तू आवाज बन

   


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