मेरी महबूबा
मेरी महबूबा
ओ महबूबा
तेरी मस्तीभरी आँखो ने लूटा दिल मेरा
तेरी मदमस्त अदाओ ने छीना हर पल मेरा
ऐ संगेमरमर सी तराशी हूई मेरी महबूबा
तेरी मयखाने सी आँखो में मेरा रोम रोम डूबा
तेरा मुस्कुराना जैसे कमसिन कली का खिलना
तेरा यूँ शरमाना जैसे तारो का टिमटिमाना
झुकी नज़रो से करती हो दिल पे लाखो वार
तेरी हर अदा पे मर जाऊँ बरसाऊँ तुझपे मेरा प्यार ।