STORYMIRROR

Shruti Bawankar

Abstract

3  

Shruti Bawankar

Abstract

यारीदोस्ती

यारीदोस्ती

1 min
198

जब मन उदास हो

बेबस और लाचार हो

जीने की ना आस हो

जग सारा दुश्मन लागे

कोई ना आए मदद को आगे

तो ........

अपने शैतान दोस्तों को याद करो

तुम्हारे हाल ए दिल का

बाजार बना देंगे

तुम्हारी लाचारी का

अचार बना देंगे

तुम्हारी उदासी का

मजाक बना देंगे

तुम्हारे घर को

चिडिया घर बना देंगे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract