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Amit Kumar

Romance Classics Inspirational

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Amit Kumar

Romance Classics Inspirational

मेरे दिलवर

मेरे दिलवर

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तेरा ऐतबार मेरे ऐतबार से बेहतर होगा 

शायद तेरा घर अंधेरो से दूर 

रोशनी का सरमाया होगा

खुशबू सा महक उठता होगा


तेरी मुस्कुराहट से सहनेचमन

हर फूल तेरी ख़ुशी में

ज़िभर के मुस्कुराया होगा

जिसका ख़्याल कभी तेरे 

ज़िक्र से उभरता रहता है


उसका ख़्याल कभी ख़यालों में

तुझे भी आया होगा

नहीं टूटा है तू अभी

टुकड़ों में कांच सा बनकर

या फिर तुझे उस खुदा ने

संगदिल ही बनाया होगा


तेरी मुस्कान पर खिल जाती है&nbs

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यूं कलियां मानो 

सुबह का सूरज उम्मीद बन 

उनके लिए निकल आया होगा

तुझे खुद से प्यार है तो रहे

मेरा दिल भी तेरे प्यार के लिए 

तुझ पर आया होगा


जो महसूस करता है कह देता है दिल

शायद इसी बात का लुत्फ़

तूने किसी रोज़ उठाया होगा

मेरे नग्मों की तू प्रेरणा है मेरे दिलवर


शायद कोई नज़्म का टुकड़ा कभी 

तूने मेरे लिए भी गाया होगा....

आज नहीं तो कल पिघलेगा मोम सा

यही कहकर बारबा मैंने

अपने दिल को बहलाया होगा।


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