मेरे भेजे में भेजा है ही नहीं
मेरे भेजे में भेजा है ही नहीं
पत्र जो लिखा मगर भेजा नहीं,
लगता है मेरे भेजे में भेजा है ही नहीं।
प्रत्येक शब्द में अपनी भावनाओं को पिरोया,
पता नहीं गलत है या सही।
भीतर की कुछ बातें कह डाली
और कुछ रह गई अनकही।
स्नेह से भरी चिट्ठी लिखी पर
अफ़सोस रखी रह गई वहीं।