मेरे अस्तित्व पर सवाल आया है
मेरे अस्तित्व पर सवाल आया है
माँ आज उसने फिर मुझे पैसे से तोला है
मेरे अस्तित्व को आज फिर झकझोरा है
बात बात पर धमकी देता है वो
कहता है चली जा अपने घर, जो तेरा हो l
बता ना, मैं कौन से घर जाऊं
माँ, मैं किसे अपना बताऊं......
उस घर को जिसमे गालियों से होता है स्वागत
या उसे, जो नहीं है मेरा, परंपरागत
माँ बता ना, मैं कैसे अपना अस्तित्व बनाऊ....
तूने हाथों को पीला करके, भेज दिया ऐसे
हूँ पहाड़, मैं तेरे ऊपर जैसे
माँ उसने फिर वही दोहराया है
माँ मेरे अस्तित्व पर सवाल आया है l
माँ मेरे अस्तित्व पर सवाल आया है.............
