STORYMIRROR

D.N. Jha

Fantasy

4  

D.N. Jha

Fantasy

मेरे अल्फ़ाज़

मेरे अल्फ़ाज़

1 min
448

है मेरे अल्फाजों में आपकी आवाज,

तो फिर सुर आप भी मिला दीजिए।  

है मेरे गीतों में आपके सुर -ताल तो,

फिर ये मेरे गीत भी गुनगुना दीजिए।

                                     

तालियों से भी खाता खुलवा लीजिए।

बिन तालियों के ये खाता खुलता नहीं।

बजाने की भी आदत तो लगा लीजिए।

फिर सुनने की आदत भी पड़ जाएगी।


तालियों का लेन- देन किया कीजिए।

पहले दीजिए और फिर लिया कीजिए।

मंच की शोभा है तालियां बजा दीजिए।

ताजगी देती है तालियां मजा लीजिए।


ताक़त को तालियों में दिखा दीजिए,

फिर तालियां बजाकर जगा दीजिए।

ताजगी का एहसास करा ही दीजिए,

स्फूर्ति का संचार भी करा ही दीजिए।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy