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Dinesh paliwal

Classics Inspirational

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Dinesh paliwal

Classics Inspirational

।। मेरे अध्यापक ।।

।। मेरे अध्यापक ।।

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है नमन सदा तुम को गुरुवर,

तुम जीवन में हर क्षण व्यापक,

ये तरु तुम से ही पोषित हैं,

तुम शिक्षा संस्कृति के संस्थापक।


मात पिता थे जन्म निमित्त,

कर्म पथ के पर तुम संचालक,

पग धूल से सर का मुकुट बने,

तुमको पाकर हम से बालक।


कर्ज़ बहुत हैं इस जीवन में,

मात पिता और संबंधों के,

हर पल इन से बंध कर जीना,

ये सब धागे हैं अनुबंधों के


पर तुम से उऋण नहीं हूँगा,

इस जन्म में, ना जाने के बाद,

इस जीवन रूपी तरु में पाए,

हर फल में बस तेरी ही याद।


मैं बना आज तक जो भी हूँ,

उसमें यह सब शिक्षा तेरी हैं,

मैं इठलाऊँ जो ये सब पाकर,

वो हर महिमा तेरी चेरी हैं।


हर दम हैं श्रद्धा पुष्प समर्पित,

तुमसे मिले ज्ञान का हो साया

तुम सा अध्यापक पा कर मैंने,

ये मानव जन्म सफल पाया।


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