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Surjmukhi Kumari

Fantasy Inspirational Others

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Surjmukhi Kumari

Fantasy Inspirational Others

मेरा सफर वादियों का

मेरा सफर वादियों का

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मैं कर रही हूं सफर खूबसूरत दुनिया का। 

थामकर खूबसूरत वादियों का दामन। 


देखकर खूबसूरत दुनिया का सौंदर्य झूम रहा है मेरा तन मन। 


कल-कल करती नदियां हैं सौ। 

दृढ़ता से खड़े पहाड़ है अनेकों। 


नीला गगन है। 

सोने की धरती जो हर प्राणी का पेट है भर्ती। 

बहुत खूबसूरत है सफर मेरा इस दुनिया का। 


सुरमई झूलों ने छेड़ा है सरगम। 

मस्ताने बादल भी डफली बजा रहे हैं दमा दम। 


बांसुरी बजा रही है पुरवइया। 

अमृत जैसी शीतल है पेड़ों की ठंडी छाया। 


अद्भुत है मेरी प्रकृति की माया। 

पूरी सृष्टि जिसके आंचल में है समाया। 


 मां प्रकृति का मुकुट है हिमालय। 

 खूबसूरत पुष्पों से भरा है। 


प्रकृति मां का वस्त्रालय। 

सूरज और चांद मां की है दो नैना। 


जिनके कोमल आंचल में हमें है रहना। 

कर रही हूं सफर में मेरी खूबसूरत दुनिया का। 


अनोखा है जिसका सौंदर्य। 

अद्भुत है जिसकी काया। 


ईश्वर से जिसे हमने वरदान में है पाया

प्रकृति ने अपनी हर जिम्मेदारी है निभाया


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