सुरमई सूर्य उदय
सुरमई सूर्य उदय
सुरमई सुबह है
किरणें चारों दिशाओं में बिखर रही हैं
रंग आकाश का निखरा निखरा सा है
परिंदे भी निकल पड़े हैं
अपने घर से सूरज के दिखाएं रास्तों पर
जीवन भी निकल पड़े हैं
अपनी-अपनी मंजिलों के दर पर
मार्गदर्शक बन सूरज हर कदम
पर साथ चल रहे हैं
उजियारा के हर दिशाओं में दीप जल रहे हैं
सूरज बनकर सारथी साथ चल रहे हैं
सूरज की हर किरणों पर इंसानियत के प्रकाश फैल रहे हैं।