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Mr. Akabar Pinjari

Classics

4.6  

Mr. Akabar Pinjari

Classics

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान

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मैं हूं इस देश की शान,

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान।


जो भिड़ेंगा हमसे शैतान,

हर कदम पर हैं जवान,

ये हिंद है सबसे महान,

मैं हूं इस देश की शान,

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान।


ये हिंदु की है शान,

यहां मुस्लिम भी है महान,

ये सीख की रूह और जान,

और ईसाई की भी है पहचान,


यहां हर मजहब का प्रमाण,

ये देश ही उसका ईमान,

मैं हूं इस देश की शान,

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान।


यहां सुख-दुख भी है साथी-साथी,

हर एक के दिल के वासी-वासी,

ये साधु-संतों की है खान,

मैं हूं इस देश की शान,

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान।


यहां फूल खिले हैं मिट्टी में,

और प्यार भरा है चिट्ठी में,

मेरे वतन का है ये पैगाम,

सबसे ऊंचा है हिंद का नाम,

मैं हूं इस देश की शान,

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान।


महका-महका दामन-दामन,

रोशन-रोशन हर एक गुलशन,

ये है हर मुल्क दिवाने की आन,

मैं हू

ं इस देश की शान,

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान।


हर पत्ता-पत्ता डालीं-डालीं,

यहां नारी भी करती रखवाली,

जैसे खेतों में हैं झूमें जैसे धान,

मैं हूं इस देश की शान,

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान।


कदम से कदम जब मिल जाता है,

वक्त रूप रंग में खिल जाता है,

यहां बच्चा, बूढ़ा या हो फिर जवान,

मैं हूं इस देश की शान,

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान।


हंसते-हंसते काटे हैं रस्ते,

जंग करें ये खेल समझके,

चाहे देश प्रेम में हो जाएं बलिदान,

मैं हूं इस देश की शान,

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान।


मुल्क का दर्पण है हर एक तड़पन,

मुल्क पे अर्पण है हर एक धड़कन,

मर के भी जिंदा है यहां हर इंसान,

मैं हूं इस देश की शान,

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान।


हर मजहब का ये है धन और प्राण,

वतन ए इश्क में हैं सब कुर्बान,

चाहे इन दिवानों का हो कुछ भी अंजाम,

मैं हूं इस देश की शान,

मेरा मुल्क है हिंदुस्तान।


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