मेरा लल्ला
मेरा लल्ला
मेरे नन्हे, मेरे लाल, ओ मेरे कन्हैया,
मैं ही देवकी तेरी, मैं ही यशोदा मैय्या ।
ले के गोद में तुझको बाँहों का झूला झुलाऊँ,
कभी चूमू, कभी प्यार करूँ, कभी खूब हँसाऊँ।
तरह-तरह के स्वाँग रच के तुझको खूब खिलाऊँ।
तू है मेरा खिलौना, कभी मैं तेरा खिलौना बन जाऊँ,
हल्की-हल्की थपकी दे कर तुझको मैं सुलाऊँ,
फिर भी तुझको नींद न आये तो मैं लोरी गाऊँ।
देख-देख तेरी अठखेलियाँ मैं मन ही मन हर्षाऊँ,
लग जाये न मेरी ही नजर सोच-सोच डर जाऊँ।
जब-जब तू रोता है आँख मेरी भर आती,
तेरे हँसते- रोते चेहरे संग मैं भी रंग जाती ।
तू ही है मेरे जीने की आशा तुझ बिन जी न पाऊँ,
ओ मेरे आँखों के तारे तुझ पर बलि-बलि जाऊँ ।
