मेरा गाँव
मेरा गाँव
मुझे अब गाँव याद आ रहा है
पैडों का छांव याद आ रहा है
खेतों का खलिहान याद आ रहा है
बाग़ों का बहार याद आ रहा है
मुझे अब गाँव याद आ रहा है।
माँ का दुलार याद आ रहा है
पिता का प्यार याद आ रहा है
नमक रोटी का स्वाद याद आ रहा है
कुआँ का वह जल याद आ रहा है
मुझे अब गाँव याद आ रहा है।
शहर की रोशनी में भी मुझे
दीये का प्रकाश याद आ रहा है
शहर की मस्ती मे भी मुझे
गाँव का त्योहार याद आ रहा है
मुझे अब गाँव याद आ रहा है।
