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Nitu Arya

Tragedy

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Nitu Arya

Tragedy

मेरा भी मन करता है

मेरा भी मन करता है

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मेरा भी मन करता है ,कि

कभी देर रात तक घर का काम,

निपटाने के बाद,

सुबह थोड़ी देर में जगूं।


 मेरा भी मन करता है, कि

 सबका नाश्ता लगाते समय कोई यह कहे ,

कि आखिर तुम भी कुछ खा लो।


 मेरा भी मन करता है ,कि

 मैं सबके टिफिन सजा के रखूं

पर कोई मुझसे पूछे तुमने टिफिन में क्या रखा।


 मेरा भी मन करता है ,कि

शाम को ड्यूटी से लौटने पर ,

कभी किसी दिन मेरे लिए भी

 एक कप चाय इंतजार करें।


 मेरा भी मन करता है, कि

 मेरे दर्द में दवा खा लो ,

ना कहकर कोई मेरे पास बैठे ।


मेरा भी मन करता है ,कि

 जब मैं उदास हूं तो,

 मेरे मुरझाए चेहरे को हाथों में ले बोले ,

 मैं हूं ना....


 मेरा भी मन करता है ,कि

 कभी कोई वह एक काम थाम ले

 जो मुझसे गलती से छूट गया हो।

 

हां मेरा भी मन करता है ,कि

 वीकेंड पर मुझे भी कहे ,

चलो घर के काम छोड़ो

आज कहीं घूम के आते हैं ।

 

 मेरा भी मन करता है , कि

 अपने चेहरे की थकान को,

 पाउडर से ना छुपाऊं।


 मेरा भी मन करता है ,कि

सूखे होठों को नकली रंगों से न चमकाऊं।


मेरा भी मन करता है ,की

आंखों के नीचे काले घेरे नहीं ,

आंखों में मेरी चमक हो..

 मेरे आत्मविश्वास ,स्वाभिमान और

स्वावलंबिता का ।


मेरा भी मन है जो मुझे कभी-कभी

कुछ कहता है.......


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