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Pankaj Prabhat

Tragedy

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Pankaj Prabhat

Tragedy

कुछ दाग नही धुलते

कुछ दाग नही धुलते

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कुछ दाग नहीं धुलते, कुछ ज़ख्मों की दवा नहीं होती,

कुछ आँसू ऐसे भी, जिनकी किसी को परवाह नहीं होती,

कल तक जो हकीम थे, आज वोही मर्ज बन गए,

वो करीब न हो तो, सिसकियों में भी आह नहीं होती।


उनसे जुदा ज़िन्दगी तो, कभी माँगी नहीं हमने,

उनके साँसों से अलग, कोई हवा जानी नहीं हमने,

आँखों के दीये लेकर, हर अंधेरा किया रोशन,

उनकी हँसी के अलावा, तो कभी मेरी दुआ नहीं होती।


उनके ख्वाहिशों से होकर ही, ज़िन्दगी का हर मोड़ गुजरा,

उनके तस्सवुर से होकर ही, ज़िन्दगी की हर भोर आयी,

कुछ सुस्त से रास्ते थे, कुछ भागते लम्हें उनपर,

इन लम्हों को किसी मोड़ पर, छोड़ने की वजह नहीं होती।


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