STORYMIRROR

Nitu Arya

Abstract

3  

Nitu Arya

Abstract

वफ़ा

वफ़ा

1 min
9

देखा हजार दफा, उस गली को

जहां से गुजरा है अक्स तेरा, 

न पूछो मुड़कर हमारी इकबत

है तुम्हारी कुर्बत का सख्त पहरा

देखा हजार.......

खुमार तेरी वफ़ा का , ऐसा

के उकूबत में भी सुकून आयें

कयामत तक है तुम्हारे कायल

अब्सार तेरा है मुझ पे ठहरा 

देखा हजार ,,,,


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract