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Nirdosh Jain

Tragedy

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Nirdosh Jain

Tragedy

देख लो कैसा समय अब आगया है

देख लो कैसा समय अब आगया है

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देखो कैसा समय अब आ गया है 

     आदमी ही आदमी से डर गया है 

     दूरियाँ इस कदर अब बढ़ने लगी हैं  

     इन्सानियत अब तो मरने लगी है 

     पापों का घड़ा अब भरने लगा है 

     आदमी अब आदमी से डरने लगा है 

     विषधरो कॊ वंश भी अब डर गया है 

     आदमी में जहर इतना भर गया है 

     आदमी की श्वास से आदमी मरने लगा है 

     देख लो केसा जमाना आ गया है 

     वायु में भी जहर अब तो भर गया है 

     आदमी अब आदमी से घबरा गया है 

     रिश्ते नाते सब हवा होने लगे है 

     दूर से ही हाथ अब हिलने लगे है 

     अब तो पल का भी भरोसा नहीँ 

     बिसरे हुए भगवान याद आने लगे है 

     देख लो "लक्ष्य" क्या जमाना आ गया 

     आदमी कॊ आदमी ही ख़ा गया है।


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