सुनापन
सुनापन
जज्बातों के एहसास
पहुँचते रहते हैं दिल तक
खुशी..
मायूसी..
कड़वापन..
इश्क़..
नफ़रत..
और न जाने क्या क्या..
अनकही उदासी..
कभी कभी करती है पीछा..
और हम कहते हैं..
'कुछ भी तो नहीं'..
बहुत कुछ..
अनसुना, अनकहा..
रह जाता है..
दफन किये हुए राज..
अक्सर..मिलते हैं..
गुलदस्ते में लिपटे हुये..
काँटो की खामोशी लेकर।
