मैं
मैं
बहुत अहंकार है तुझमें
की सबसे अच्छा हूँ मैं,
तुझे क्या पता लाखों
विद्वान हैं इस दुनिया में।
यूँ तो कोई भी कह देता है
कि आता है सब मुझको,
हकीकत तो ये है कि
एक जनम कम पड़ जाएगा
हर चीज़ सीखने में तुझको।
किसी को कभी धर्म जात से मत तोलो
खोलना है तो सब अपने दिमाग को खोलो,
जब भी आए विचार गंदे
उसी समय चढ़ा दो उन्हें फाँसी के फ़न्दे।
इंसान हो, अपने आप को भगवान मत मानो
सब यहीं छोड़ के जाना है बस यह जानो,
कमियाँ बहुत हैं तुझ में यह ना सोच
उनको सुधारूँ कैसे सोचना है तो ये सोच।
