महिला
महिला
नारी है सब पे भारी
कहते है इसको महान
हमें लाया इस दुनिया में
छोडकर सारा जहाँन
सम्मान जो कोई करेगा इसका
पुण्य कमालेगा वो
पाप कर कहलाएगा दुष्ट वो
जो करेगा इसका तिरस्कार
सेवा करती है वो सबकी
छोडकर अपना स्वारथ
हाँ वो महिला ही है जो
कर देती हर दुख का कल्याण
लडकी है तो क्या हुआ
फिर भी लडको से आगे है
कोई अधयापिका है तो
कोई है अधिकारी भी
हर रिश्ता दिल से निभाती है
बच्चे हो या बडे
भैया हो या भाभी
सबकी सेवा करती है.
