जीवन और मृत्यु
जीवन और मृत्यु
मछली का जीवन पानी में ही है
इंसान का जीवन धरती पर
एक पानी मैं नहीं रह सकता
तो दूसरा धरती पर
दोनों ही कठपुतली है ईश्वर की
जिनकी डोर उनके हाथ में ही है
पुनर्जन्म होता है तुम्हे कैसे पता
तुम इसी जन्म को सुधार लो
इसी में है तुम्हारा भलाा
सुधार लोगे इस जन्म को
मिलेगा फल भी तुम्हे और
गम हो जायेगा लापता
सब कुछ यहीं छोड के जाना है
अच्छे कर्म करो क्युँकि
मरने के बाद तुुम्हारा पैैैसा नही बल्कि
लोगों को तुम्हारे अच्छे कर्म याद आनेे हैं
मिसाल बन तू लोगों के लिए और सोच ले
की पहुँचाना हर गरीब के पास खााना है
ए इंसान , मंदिर में हजारो रुपये दान मत कर
अगर भूखे बच्चे को देेेगा रोटी तू दो वक्त की
भगवान. इतने खुुुश हो जायेेंगे
बरककत होगी तेेेेरे घर में
और खुशी इतनी होगी तुझे की जैसे
मिल गया हो तुझे “आस्कर"।
