ये नदी ही है..
ये नदी ही है..
उगम से ही हर एक मोड़ पर मुड़ जाती है
ख़ुद आगे बढ़ते अपने साथ औरों को भी
समृद्ध करती है
ये नदी ही है जो मुझे जीना सिखाती है
कठिनाइयाँ आए सामने तो डट कर खड़े
रहती है
अपना रास्ता खुद ही चुना करती है
ये नदी ही है जो मुझे जीना सिखाती है
पानी जैसा निर्मल हो मन हर बार ये बताती है
अपने अंदरके पत्थरों को भी प्यार से सहलाती है
ये नदी ही है जो मुझे जीना सिखाती है
दो किनारों के बीच की दूरियाँ मिटाती है
सबकी जिंदगी में सुकून ले आती है
ये नदी ही है जो मुझे जीना सिखाती है
कभी खुद संभलती तो औरों को संभालती है
कभी शांत तो कभी अविचल हो जाती है
ये नदी ही है जो मुझे जीना सिखाती है