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Vaishnavi Pathak

Others

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Vaishnavi Pathak

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अजनबी बन गए..

अजनबी बन गए..

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चाहे कुछ भी हो जाए हम है वहां

ऐसी बातें कहना आसान है

निभाने का वक्त आया तो बताया

उन्होंने नहीं यार आज बहुत काम है

उन चेहरों की हसीन मुस्कान के पीछे

न जाने कितने हजारों दुःख छुपे हैं

इतने साल बीत गए हम वहां बचपन की

गलियों अंदर के खोए हुए बच्चे को ढूंढ रहे हैं

वो अजीब थे करीबी बनकर

सारे दर्द समझ गए और दर्द बताने गए

तो अब अजनबी बन गए


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