ज़माना और जिंदगी
ज़माना और जिंदगी
ज़माने की ज़माने ने ज़माने से मांग की
ज़माने ने ज़माने की उस मांग को ठुकरा दिया
जमाना अब जोश में ज़माने से लड़ रहा है
पता नहीं क्यों जमना लढते हुए अपने होश खो रहा है
जिंदगी की जिंदगी से बोहोत कुछ है ख्वाहिशें
जिंदगी की जिंदगीसे जितनी थी फरमाइशें
जिंदगी जब जब भी देती जिंदगी का वासता
जमाना दिखा देता है उसे एक ग़लत रास्ता।
